Thursday, January 16, 2014

Shiva Manas Pooja - Ratnai kalpita... (With Hindi, English Lyrics & Meanings)

Video

Lyrics & Meanings


रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरं

नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदाङ्कितं चन्दनम्
जातीचम्पकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथा
दीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ..१..

Rathnai Kalpitham asanam, Himajalai snanam cha divyambaram,
Naana rathna vibhooshitham mruga madha modhanvitham Chandanam,
Jathi champaka bilwa pathra rachitham, pushpam cha deepam Thada,
Deepam deva dayanithe pasupathe, hrud kalpyatham gruhyatham.

Meaning
हे दयानिधे, हे पशुपते, मैंने आपके लिए एक रत्नजड़ित सिहांसन की कल्पना की है, स्नान के लिए हिमालय सम शीतल जल, नाना प्रकार के रत्न जड़ित दिव्य वस्त्र,

तथा कस्तुरि, चन्दन, विल्व पत्र एवं जुही, चम्पा इत्यादि पुष्पांजलि तथा धूप-दीप ये सभी मानसिक पूजा उपहार ग्रहण करें।


I offer you an imaginary throne made of precious jewels,
I offer you bath in the water of melted snow from the Himalayas,
I offer you holy silken cloth to wear,
I adorn you with very many precious jewels,
I offer you musk and sandal,
I offer you Bilwa and Champaka flowers,
And I offer you the holy lamp,
But all these I offer in the portal of my mind,
Please God who is merciful and who is the Lord of all beings,
Accept my offerings and bless me.





सौवर्णे नवरत्नखण्डरचिते पात्रे घृतं पायसं
भक्ष्यं पञ्चविधं पयोदधियुतं रम्भाफलं पानकम् .

शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूरखण्डोज्ज्वलं
ताम्बूलं मनसा मया विरचितं भक्त्या प्रभो स्वीकुरु ..२..

Souvarne nava rathna Ganda Rachithe, pathre Grutham Payasam,
Bakshyam pancha vidam Payo dadhiyutham, rambha phalam panakam,
Saaka namayutham jalam ruchikaram, karpoora gandojwalam,
Thamboolam manasa maya virachitham Bhakthyo prabho sweekuru

Meaning:

हे महादेव, मैंने अपने मन में नवीन रत्नखण्डों से जड़ित स्वर्ण पात्रों में धृतयूक्त खीर, दुध एवं दही युक्त पाँच प्रकार के व्यंजन, रम्भा फल एवं शुद्ध मीठा जल ताम्बुल और कर्पूर से सुगन्धित धुप आपके लिए प्रस्तुत किया है।
हे प्रभू मेरी इस भक्ति को स्वीकार करें।

I offer you Ghee and the sweet payasam in golden vessel ,
Decorated with nine type of precious gems,
I offer you five different dishes made of curd and milk,
I offer you panakam made of sweet fruits,
I offer you tasty sweet scented water to drink,
I offer you the lamp made of camphor along with tinkling bells,
And I offer you betel leaf and nut,
But these are offered by my mind with utter devotion to you,
So Lord Kindly accept and bless.




छत्रं चामरयोर्युगं व्यजनकं चादर्शकं निर्मलम्
वीणाभेरिमृदङ्गकाहलकला गीतं च नृत्यं तथा .
साष्टाङ्गं प्रणतिः स्तुतिर्बहुविधा ह्येतत्समस्तं मया
सङ्कल्पेन समर्पितं तव विभो पूजां गृहाण प्रभो ..३..

Chathram Chamarayoryugam vyajanagam, chaa darshakam nirmalam,
Veena bheri mrudanga kahala kala geetha nruthyam thada,
Sasthangam pranthi sthuthir bahu vidha, hyethat samastham maya,
Sankalpena samapitham thava vibho , poojam gruhana prabho.

Meaning:
हे प्रभो! मैंने सकंल्प द्वारा आपके लिए एक छ्त्र, दो चंवर, 
पंखा एव निर्मल दर्पन की कल्पना की है।
आपको साष्टाङ्ग प्रणाम करते हुए, तथा विणा, 
भेरि एवं मृदङ्ग के साथ गीत, नृत्य एव बहुदा प्रकार 
की स्तुति प्रस्तुत करता हूँ। हे प्रभो! मेरी इस पूजा को ग्रहण करें।

I offer you a pretty stage,
I offer you couple of decorative fans,
I also offer you shining mirror,
I offer you Veena, kettledrums, Mrudanga and a very big drum,
I offer you song and dance,
I offer you full prostration,
I offer you several types of prayers,
But all these I offer you my Lord, in my mind
So Lord kindly accept this my worship.




आत्मा त्वं गिरिजा मतिः सहचराः प्राणाः शरीरं गृहं
पूजा ते विषयोपभोगरचना निद्रा समाधिस्थितिः .
सञ्चारः पदयोः प्रदक्षिणविधिः स्तोत्राणि सर्वा गिरो
यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम् .. ४..

Aathma thwam Girija Mathi sahacharaa, prana sarreram gruham,

Pooja theey vishayopa bhoga rachana, nidhra samadhi sthithi,
Sanchara padayo pradakshina vidhi, , sthothrani sarva giraa,
Yadyath karma karomi thathad akhilam, shambho thavaradhanam.


Meaning:
हे शम्भों ! आप मेरी आत्मा हैं, माँ भवानी मेरी बुद्धी हैं, 
मेरी इन्द्रियाँ आपके गण हैं एवं मेरा शरीर आपका गृह है।
सम्पुर्ण विषय-भोग की रचना आपकी ही पूजा है। 
मेरे निद्रा की स्थिति समाधि स्थिति है, मेरा चलना 
आपकी ही परिक्रमा है, मेरे शब्द आपके ही स्तोत्र हैं। 
वास्त्व में मैं जो भी करता हूँ वह सब आपकी आराधना ही है।

My soul is your temple my lord,
My activities are thine attendants,
My body is thine home,
My acts to please my senses are thine worship,
My act of sleep is the deep meditation on thee,
All my walks with my feet are thine perambulations,
What ever falls from my mouth are thine prayers,
Oh Lord, everything I say and do are thine forms of worship.





करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा .
श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधम् .
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व .
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेवशम्भो .. ५..

Kara charana krutham vaak kayajam karmajam vaa,
Sravana nayanajam vaa maanasam vaa aparadham,

Vihithamavihitham vaa sarva methath Kshamaswa,
Jaya Jaya katunabdhe sri Mahadeva Shambho.


हे प्रभो! मेरे हाथ या पैर द्वारा, कर्म द्वारा, वाक्य या स्रवण द्वारा या मन द्वारा हुए समस्त विहित अथवा अविहित अपराधों को क्षमा करें। हे करूणा मय महादेव सम्भों आपकी सदा जय हो।

Please pardon Oh lord
All those acts committed by me,
By hands, by action, by body or
By hearing, by my sight, or by my mind,
Whether they are proper or improper..
Victory oh victory, Oh, ocean of mercy,
Oh, The greatest of Gods and Oh benevolent one.


.. इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचिता शिवमानसपूजा समाप्ता..
Shri shankaracharya virachita shiva manasa pooja




No comments:

Post a Comment